रिश्ते….
रिश्ते तो यूं ही बन जाते हैं
पर हर रिश्ता निभाना कैसे यह सीखा हमने आपसे।
आपसे मुलाकात होने लगी जब से।
हर दिन को हमेशा सजाना सीखा हमने तबसे।
हर परेशानी में भी मुस्कुराते रहे
और प्यार बांटते रहे सबसे।
मंजिल तक पहुंचने के लिए संयम रखना यह भी सीखा हमने आपसे।
हम तो बहुत खुश नसीब है पा लिया है आपको जब से।
तकरार के बाद भी किसी को मनाना सीख लिया आपसे।
आपसे हम यूं ही प्यार करते रहेंगे यह कह देते हैं आज कसम से।
हम आपके साथ यूं ही बंधे रहे
यही प्रार्थना है अब रबसे।
रिश्ते तो यूं ही बन जाते हैं
पर हर रिश्ता निभाना कैसे यह सीखा हमने आपसे।