रिश्ते
प्यार की डोर से रिश्ते बांधो तो सही
बिगड़े बैल अपने आप ही सुधर जाएंगे
जो नाजुक हैं रिश्ते किसी कांच की तरह
संभालना उन्हें वरना टूट कर बिखर जाएंगे
मेरे मां बाप हों या हो मेरी सहचरी के
सपने मेरे हों या हों पापा की परी के
मिलकर बड़ों ने वो सब सपने संजोये हैं
जीवन की बगिया में फूल खुशियों के बोये हैं
साला हो साली हो या प्यारी सी सलज
देवर हो जेठ हो या हो प्यारी सी ननद
रिश्ते बिखरने ना पायें यही कोशिश होगी
डोरी प्यार भरी मुलायम पर मजबूत होगी