रिश्ते
जब जब मैंने,
रिश्तों की,
किताबे खोली।
है भरमार,
रिश्ते नाते,
संगे-सम्बन्धी,
है दोस्तों यारो की,
दूर दूर तक टोली।
जिन्हें नही जानते,
वो भी है पहचानते,
जहाँ है तिजोरी,
धन-दौलत की।
खोखले है ये,
सारे रिश्ते,
जब नाश होगा,
धन-दौलत का,
टूट जायेंगे,
रिश्ते-नाते
किंग मस्ताना