रिश्ते
आओ आओ बच्चों प्यारे प्यारे ।
लेकर आया कहानी के चटकारे ।।
आओ चले रिश्तों की पाठशाला ।
बनाने एक सुंदर संबंधों की माला ।।
घर परिवार के रिश्ते संजोए।
लाया हूँ उनको शब्दों में पिरोए ।।
जन्म दिया, पालन पोषण किया ।
संसार ने उन्हें माँ नाम दिया ।।
अँगुली पकड़कर चलना सिखाया ।
पिता हैं, जिन्होंने नाम गौत्र दिया ।।
पिता के भाई कहलाते चाचा ताऊ ।
पिता के पिता को दादा जी बतलाऊँ ।।
पिता की बहन होती है बुआ ।
प्यार से खिलाती माल पुआ ।।
माता की बहन मौसी होती ।
माँ समान स्नेह खूब दिखाती ।।
माता की माता को कहते नानी ।
हमें सुनाती मीठी मीठी कहानी ।।
माता के पिता नाना कहलाते ।
ढेर सारे खिलौने लेकर आते ।।
माता के भाई को कहते मामा ।
एक नभ में भी होता चंदा मामा ।।
।।जेपीएल।।