रिश्ते
रिश्तों के तानेबाने में,
जीवन का है हर तार बुना
कुछ रिश्तों में हम जीते हैं,
कुछ रिश्ते हममें जी जाते हैं।
कहीं ममता का स्पर्श भरा,
कहीं जीवन अस्तित्व मिटा जाते
कुछ रिश्ते फर्ज़ निभाते हैं
कुछ रिश्ते, रिश्तों को ढ़ोते हैं।
छ्ल दंभ द्वेष पाखंड यहाँ,
प्रीत के झरने बहते देखे,
कुछ रिश्ते खुशियाँ देते हैं
कुछ अन्तर्मन को छू जाते हैं।
इतना आसान कहाँ होता,
इन रिश्तों को जी पाना भी,
कुछ रिश्ते काँच से चुभते हैं
कुछ ज़ख्म में मरहम बनते हैं।
कुछ रिश्ते जीवन देते हैं,
कुछ जीवन जीना सिखलाते हैं,
कुछ रिश्ते सपने देते हैं
कुछ सपनों में ही पलते हैं।।