रिश्ते की शुरूआत
आते हैं कुछ अनजाने जिंदगी में,
जीवन के एक नए मोड़ बनकर,
दूर चलेंगे हम मिलाकर कदम,
देते भरोसा हमें वे अपने बन कर।
हजार बातें करते हैं वो,
ढूंढते बहाने मिलने को,
वादे भी ऐसे करते हैं वे,
जैसे आये हैं निभाने को।
अपनापन जताते हैं ऐसे,
जैसे जानते हो हमे जमाने से,
हमें भी लगने लगता हैं अब,
वे मिले हैं हमें सौभाग्य से।
बन जाते हैं वो खास हमारे लिए,
शुरुआत अनजान सफर का होता हैं।
अच्छे लगते हैं वक़्त बिताना साथ में,
शुरुआत बनती भावनाओं का होता हैं।
उनकी चित्त-शैली भी रखती हैं मायने,
हृदय-स्वच्छता रिश्ते की जान होता हैं,
अगर रूठे एक तो दूसरा मनाएँ ,
यही तो उस रिश्ते की पहचान होती हैं।
मुसीबतें आए तो हाथ न छोड़ेंगे,
हमारा वादा हैं तेरा साथ नहीं छोड़ेंगे,
अनजान से अपना के प्यारे सफर को,
हम दिल-जान से कभी भी न भूल पाएंगे।
✍️✍️✍️खुश्बू खातून