Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jul 2024 · 1 min read

रिश्ते-आम कह दूँ क्या?

#दिनांक:-8/7/2024
#शीर्षक:-रिश्ते-आम कह दूॅ क्या?

सुनहरी याद को जाम कह दूँ क्या?
इस ह्दय को शमशान कह दूँ क्या ।।1।

अब प्रतीक्षा सीमा से ज्यादा हो गई,
अवतार कल्कि समान कह दूँ क्या ।।2।

रोग पुराना होकर भी पुराना कहाँ?
दवा तारीफ की सरेआम कह दूँ क्या ।।3।

रास्ते भी मंजिल से खूबसूरत बन जाते,
प्रेमी मुरलीधर तेरा नाम कह दूँ क्या ।।4।

सफर में हमसफ़र साथ चलता कहाँ,
सम्मान समर्पित सीताराम कह दूँ क्या ।।5।

दिखाने वाला हमेशा सचमुच नहीं,
आँखों को धोखा धाम कह दूँ क्या ।।6।

रिश्ते महकदार, मधुर वक्त से चलते
मोबाइल को रिश्ते-आम कह दूँ क्या ।।7।

चाहत की आदत कभी बदलती नहीं,
अक्षर हुए बेदम,कुछ नाम कह दूँ क्या ।।8।

नशीली रात, मौसम हो सावन सा सुहाना,
बिह्वल जज्बात को प्रेम काम कह दूँ क्या ।।9।

हर दर्द के पत्र को संभाल रखा है मैंने,
तुझे बेवफा डाकिया राम कह दूँ क्या ।।10।

(स्वरचित)
प्रतिभा पाण्डेय “प्रति”
चेन्नई

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 77 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"एकान्त चाहिए
भरत कुमार सोलंकी
'प्रहरी' बढ़ता  दंभ  है, जितना  बढ़ता  नोट
'प्रहरी' बढ़ता दंभ है, जितना बढ़ता नोट
Anil Mishra Prahari
मोहब्बत बस यात्रा है
मोहब्बत बस यात्रा है
पूर्वार्थ
भीगे अरमाॅ॑ भीगी पलकें
भीगे अरमाॅ॑ भीगी पलकें
VINOD CHAUHAN
"अन्दाज"
Dr. Kishan tandon kranti
अच्छा स्वस्थ स्वच्छ विचार ही आपको आत्मनिर्भर बनाते है।
अच्छा स्वस्थ स्वच्छ विचार ही आपको आत्मनिर्भर बनाते है।
Rj Anand Prajapati
जीवन संघर्ष
जीवन संघर्ष
Omee Bhargava
પૃથ્વી
પૃથ્વી
Otteri Selvakumar
बता दिया करो मुझसे मेरी गलतिया!
बता दिया करो मुझसे मेरी गलतिया!
शेखर सिंह
मन के वेग को यहां कोई बांध सका है, क्या समय से।
मन के वेग को यहां कोई बांध सका है, क्या समय से।
Annu Gurjar
दिल से दिल गर नहीं मिलाया होली में।
दिल से दिल गर नहीं मिलाया होली में।
सत्य कुमार प्रेमी
जब तक हो तन में प्राण
जब तक हो तन में प्राण
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
54….बहर-ए-ज़मज़मा मुतदारिक मुसम्मन मुज़ाफ़
54….बहर-ए-ज़मज़मा मुतदारिक मुसम्मन मुज़ाफ़
sushil yadav
“एक कोशिश”
“एक कोशिश”
Neeraj kumar Soni
वो कैसा दौर था,ये कैसा दौर है
वो कैसा दौर था,ये कैसा दौर है
Keshav kishor Kumar
जो सिर्फ़ दिल की सुनते हैं
जो सिर्फ़ दिल की सुनते हैं
Sonam Puneet Dubey
प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा
प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
ठीक है
ठीक है
Neeraj Agarwal
शांति से खाओ और खिलाओ
शांति से खाओ और खिलाओ
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
संस्कार
संस्कार
Rituraj shivem verma
अपनी कद्र
अपनी कद्र
Paras Nath Jha
*जुदाई न मिले किसी को*
*जुदाई न मिले किसी को*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
होली के दिन
होली के दिन
Ghanshyam Poddar
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
आज़ादी की जंग में कूदी नारीशक्ति
आज़ादी की जंग में कूदी नारीशक्ति
कवि रमेशराज
**** बातें दिल की ****
**** बातें दिल की ****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"अपना "
Yogendra Chaturwedi
4748.*पूर्णिका*
4748.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Ram Mandir
Ram Mandir
Sanjay ' शून्य'
चाहे तुम
चाहे तुम
Shweta Soni
Loading...