रिश्तेदारी
रिश्तेदारी पानी में
फैले तेल की तरह है
जो पानी में
ना कभी मिलती है
ना घुलती है
जरा सी अफवाहों की
चिंगारी से
सिर्फ और सिर्फ
जलती – धधकती और भभकती है ।
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 08/08/11 )
रिश्तेदारी पानी में
फैले तेल की तरह है
जो पानी में
ना कभी मिलती है
ना घुलती है
जरा सी अफवाहों की
चिंगारी से
सिर्फ और सिर्फ
जलती – धधकती और भभकती है ।
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 08/08/11 )