रिश्ता
रिश्ता
कल उसने पूछ ही डाला
तुम आख़िर कौन हो मेरे
हमारे दरमियाँ जो इक तआलुक़ है,
जो रिश्ता है
वो आख़िर कौन सा है??
नाम क्या है???
कुछ बताओगे???
तो मैं ने कह दिया
रिश्ता वही है
दरमियाँ अपने
जो आँखों का है नींदों से
जो नींदों का है ख़्वाबों से
जो ख़्वाबों का है रातों से
जो रातों का अंधेरों से
अंधेरों का सितारों से
सितारों का फ़लक से है
फ़लक का चाँद सूरज से
जो सूरज चाँद का है इस ज़मीं से
और ज़मीं का पेड़ पौदों से
हवाओं से घटाओं से
घटाओं का बहारों से
बहारों का है फूलों से
जो फूलों का है ख़ुशबू से
जो ख़ुशबू का है भंवरों से
जो भंवरों का है कलयों से
जो कलयों का है काँटों से
जो काँटों का है शाख़ों से
जो शाख़ों का जड़ों से है
जड़ों का जो है मिट्टी से
जो मिट्टी का बशर से है
बशर का जो ख़ुदा से है
ख़ुदा का नेक बन्दों से
और उन बन्दों का ईमाँ से
और ईमाँ का अक़ीदत से
अक़ीदत का मोहब्बत से
मोहब्बत का दिलों से है
वही दिल जो तेरे सीने में है और मेरे सीने में
मोहब्बत जिस के अंदर है
मोहब्बत का हँसीं रिश्ता वही है दरमियाँ अपने
अब इस रिश्ते को कोई नाम देने की ज़रुरत है????
मोहसिन आफ़ताब केलापुरी
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