रिश्ता
मैं कौन हूँ
मुझसे मेरा रिश्ता है क्या
यह तुम बताओ
तुम कौन हो
तुझसे तेरा रिश्ता है क्या
मैं यह बताऊँ।
किश्त में रिश्ते निभाना
शायद जटिल है
एकमुश्त ही रिश्ते निभाएँ
प्यार किश्तों में न लेकर
नफरत वही एकमुश्त पाएँ
थोड़ा-थोड़ा दिल गलाएँ
कलयुगी रिश्ता निभाएँ
मैं जलाऊँ, तुम जलाओ,सब जलाएँ
आओ ना रिश्ते जलाएँ!
आओ ना रिश्ते जलाएँ!!
✍️अनिल मिश्र