रिश्ता भाई बहन का
कहते हैं इक लड़की अपने बाप की राजकुमारी होती
और जो इसकी जहां से इफाजत करता है वो भाई
होता है,
लड़ते झगड़ते है एक दूजे से पर दो जिस्म इक जान
का रिश्ता भी इन्हीं का होता है,
खुदा की इनायत पर हक दोनों का बराबर होता है,
पर जो खुदा से हमारे लिए लड़ जाए वो भाई होता है,
स्कूल से कॉलेज के सफर में हमारा जो सारथी बनता
वहीं हमारी बातों को ना मान कर भी सारी बातें मान
लेता है,
हर वक़्त हमें सताना और परेशान करना फितरत
होती है जिसकी,
पर आंखे हमारी नम होने पर वो खुद रुमाल बन
जाता है,
रोता वो खुद भी है अपनी बहन की दर्द तकलीफों में,
पर उसके आंसुओ का दरिया उसकी आंख से ना
बहकर दिल से बहता है,
काली,मोटी, चुडैल ना जाने किन किन नामों से वो
हमें पुकारता है,
पर जब कोई आंख उठाकर हमको देखे तो उसकी
जान वो ही निकालता है,
यह घर इसका नहीं जल्दी भेजो इसको यहां से,
यह घर वालों से रात दिन मिन्नतें करता है,
आता जब बहन के जाने का वक़्त तो सबसे ज्यादा
वो ही रो जाता है,
उसकी हर गलती पर हम उसको भले ही बचाते हैं,
पर आंच आए जब हम पर तो वो यमराज से भी
लड़ने की ताक़त रखता है,
छोटा है इसलिए गलती पर हम हाथ उठाते नहीं
उसकी,
पर हमसे अपना काम करवाने के लिए सराफत की
चादर ओढ़ लेता है।