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31 Jul 2024 · 1 min read

रिश्ता निभाता है कोई

इस तरह रिश्ता निभाता है कोई।
साथ मेरे मुस्कुराता है कोई।।

भूल जाए गर ज़माना ग़म नही।
बिछड़ा हुआ पर याद आता है कोई।।

मत लुटा ऐसे कमाई और की।
बेचकर खुद को कमाता है कोई।।

मारता जब भूख अपनी पेट में।
भूखे को रोटी खिलाता है कोई।।

हैं हजारों सिसकियाँ दिल में दफ़न।
क्या आदमी आँसू दिखाता है कोई।।

चाह भर से ये कलम चलती नही।
लिखता नही मुझसे लिखाता है कोई।।

सुनील गुप्ता ‘धीर’

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 45 Views
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