Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jun 2023 · 1 min read

रिश्ता कागज का

रिश्ता कागज से मेरा (कलम)सदियो पुराना है
उसने हर खुशी गम में मुझे(कलम) गले से लगाया है।
जब कोई नहीं सुन रहा था बात मेरी
तब कागज ने ही सच्चा रिश्ता निभाया है।
कह कर अपनी दिल की बात हमने इससे
कई बार अपने आंसुओ से इसको भिगाया है ।
जब भी कहती हूँ इससे मैं दर्द अपनी
इसको भी अपने संग मैंने रोता पाया है।
कैसे तोड़ दूँ कागज से रिश्ता मैं अपना
इसने तो हर वक्त मेरे माथे को चुमकर
मुझे अपने सीने से लगाया है।
बहुत ही नाज है मुझे अपने इस रिश्ते पर
जिसने हर हाल में मेरा साथ निभाया है।
भावना कुमारी

Language: Hindi
2 Likes · 164 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
उम्मीद
उम्मीद
Dr fauzia Naseem shad
"नन्नता सुंदरता हो गई है ll
पूर्वार्थ
22, *इन्सान बदल रहा*
22, *इन्सान बदल रहा*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
3291.*पूर्णिका*
3291.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जरूरी नहीं जिसका चेहरा खूबसूरत हो
जरूरी नहीं जिसका चेहरा खूबसूरत हो
Ranjeet kumar patre
कभी उलझन,
कभी उलझन,
हिमांशु Kulshrestha
"अहसास"
Dr. Kishan tandon kranti
हम क्रान्ति तो ला चुके हैं कई बार
हम क्रान्ति तो ला चुके हैं कई बार
gurudeenverma198
*लक्ष्मी प्रसाद जैन 'शाद' एडवोकेट और उनकी सेवाऍं*
*लक्ष्मी प्रसाद जैन 'शाद' एडवोकेट और उनकी सेवाऍं*
Ravi Prakash
उलझी हुई है जुल्फ
उलझी हुई है जुल्फ
SHAMA PARVEEN
दीवाना - सा लगता है
दीवाना - सा लगता है
Madhuyanka Raj
अज़ीज़ टुकड़ों और किश्तों में नज़र आते हैं
अज़ीज़ टुकड़ों और किश्तों में नज़र आते हैं
Atul "Krishn"
एक सशक्त लघुकथाकार : लोककवि रामचरन गुप्त
एक सशक्त लघुकथाकार : लोककवि रामचरन गुप्त
कवि रमेशराज
जब कोई हो पानी के बिन……….
जब कोई हो पानी के बिन……….
shabina. Naaz
तक़दीर शून्य का जखीरा है
तक़दीर शून्य का जखीरा है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
क़दर करना क़दर होगी क़दर से शूल फूलों में
क़दर करना क़दर होगी क़दर से शूल फूलों में
आर.एस. 'प्रीतम'
दोहा त्रयी. . .
दोहा त्रयी. . .
sushil sarna
परेशानी बहुत ज़्यादा है इस दुनिया में जीने में
परेशानी बहुत ज़्यादा है इस दुनिया में जीने में
Johnny Ahmed 'क़ैस'
आ भी जाओ
आ भी जाओ
Surinder blackpen
" टैगोर "
सुनीलानंद महंत
..
..
*प्रणय*
जो दिख रहा है सामने ,
जो दिख रहा है सामने ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
-आगे ही है बढ़ना
-आगे ही है बढ़ना
Seema gupta,Alwar
*मतदान*
*मतदान*
Shashi kala vyas
Pseudo Democracy and Monopolistic Capitalism: An In-Depth Analysis in the Present Geopolitical Scenario
Pseudo Democracy and Monopolistic Capitalism: An In-Depth Analysis in the Present Geopolitical Scenario
Shyam Sundar Subramanian
थोङा कड़वा है मगर #लङकियो के लिए सत्य है ।
थोङा कड़वा है मगर #लङकियो के लिए सत्य है ।
Rituraj shivem verma
#सूर्य जैसा तेज तेरा
#सूर्य जैसा तेज तेरा
Radheshyam Khatik
इत्र, चित्र, मित्र और चरित्र
इत्र, चित्र, मित्र और चरित्र
Neelam Sharma
!! सोपान !!
!! सोपान !!
Chunnu Lal Gupta
*खुद पर थोड़ी दया कर*
*खुद पर थोड़ी दया कर*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...