रिश्ता एक ज़िम्मेदारी
कोई भी रिश्ता हो, हर रिश्ता
ज़िम्मेदारी का प्रतीक होता है
और रिश्ता वही निभाता है,
जो रिश्तो की अहमियत समझता
है, और उसकी ज़िम्मेदारी उठाने
का हौंसला और हिम्मत रखता हैं
वरना गैरज़िम्मेदार लोगों से तो
दुनिया भरी है जो रिश्ते की ज़िम्मेदारी
को बोझ समझ कर रिश्ता निभाने के
विपरीत भाग खड़े होते है ।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद