रिपोस्ट….
रिपोस्ट….
महाभारत चल रहा
हर पल मेरे अंदर l
कई प्रश्न, कई द्वन्द,
चल रहे मेरे अंदर l
हर किरदार अधूरे है,
यहाँ पर हे इंसान !
नफ़रत, निंदा,जालसाजी,
फिर भी हाथ में कुछ न आया l
युधिष्ठिर भी ठगा गया,
कौरवों रूपी दुर्जनों से l
आज द्रोपदी है, हर स्त्री,
क्या कोई कृष्ण आएगा l
अर्जुन बने तो आज शीमा
क्या भवसागर कट जायेंगा l
✍शीमा