रिटायर्ड कर्मचारी की पीड़ा
विनती सुन ले संगठन के शीर्ष अधिकारी
कभी मैनें भी संभाली थी यह कुर्सी तुम्हारी
परन्तु अब कोई नहीं सुनता लाचारी हमारी
कार्यालय के चक्कर लगा – लगा के घिस गये जूते – चप्पल हमारी
फिर भी सुन के अनसुना कर देते विनती प्रबंधन के पदाधिकारी
खून – पसीना एक करके हमने भी निभायी संगठन की हर जिम्मेदारी
संगठन की तरक्की में हमारी भी उतनी भागीदारी, जितनी है तुम्हारी
समय रहते कर दें समस्या का निदान हमारी
अन्यथा तुझे भी खेलनी पड़ेगी, रिटायरमेंट के बाद की यह पारी
विवश, मजबूर होकर, हम रिटायर्ड कर्मचारी
धरना, प्रदर्शन व अवरोध कर रहे है, बारी – बारी
फिर भी प्रबंधन के पास नहीं है, समस्या का समाधान हमारी
जिस संगठन के लिए पूरी जिन्दगी गुजार दी
आज उसी संगठन से है अधिकार की लड़ाई हमारी
हाथ जोड़कर विन्रम निवेदन है, तुमसे हमारी
अपने स्तर पर कुछ तो सहायता कर दो हमारी
बढ़ती उम्र – घटती जिन्दगी के बीच आशा है, बस तुमसे हमारी
हर संभव नहीं तो कुछ संभव प्रयास करके, आगे बढ़ा दो फाइलें हमारी
फाइलों में कही फंसी हुयी है, रिटायरमेंट के बाद की सुविधा हमारी
अब तो धरना – प्रदर्शन, अवरोध, आंदोलन के बीच ही घिस रही जिन्दगी हमारी
एक बार फिर तुमसे निवेदन है हमारी
सुन ले फरियाद, कर दे मुराद पूरी हमारी
हम विवश रिटायर्ड कर्मचारी