राज़
ये लोग तुम्हें
चीर – फाड़ – नोच कर रख देगें
फिर पूछेगें हाल तुम्हारा
क्योंकि इन्हें पता है
पहले तो तुम थे अच्छे
अब कहोगे अपना हाल बुरा
तब तुम्हें सहलाकर
अपना एहसान जता कर
तुम्हें पुचकारेगें
तुम हँसोगे क्योंकि
पता नही है तुम्हें
क्यों दुलार रहे हैं ये
जानते हो ?
ये दुलार रहे हैं तुम्हे
फिर से नोचने के लिए ।
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 02/04/88 )