राह हमारे विद्यालय की
जहाँ हरियाली हो सड़क किनारे
जहाँ मन में कान्हा बसते हों
जहाँ दिल जपता हो राधे राधे
जहाँ बादल रंग बरसते हों
ये राह हमारे विद्यालय की
दिल खुशियों से भर जाती
वो खुशबू वृन्दावन वाली
साँसों में सुबह उतर जाती
यहाँ भक्तजनों का आना जाना
यहाँ हर कोई कन्हैया दीवाना
ये राह चौरासी परिक्रमा
है स्वर्ग क्या, ये पहचाना
… भंडारी लोकेश ✍️