राह में जो शहर नहीं होता!
राह में जो शहर नहीं होता।
वो कभी हमसफ़र नहीं होता।
मैं न डरता सनम कभी तुम से,
आँख में जो कहर नहीं होता।
एक से चेहरे लुटे मुझ को,
काश मेरा नजर नहीं होता।
छोड़ दूँ मैं वतन कभी कैसे,
इश्क़ ऐसा असर नहीं होता।
कैद में हम कभी नहीं होते,
यार जो आज सर नहीं होता।
आज जाना हमें नहीं है घर,
रोज यूँ तो गुजर नहीं होता।
रूह में तुम शुभम् बसा लेना,
रंग बिन तो चुनर नहीं होता।