राह मुझको दिखाना, गर गलत कदम हो मेरा
राह मुझको दिखाना, गर गलत कदम हो मेरा।
करके प्रकाश जीवन में, करना दूर अंधेरा।।
हे मेरे मालिक, हे मेरे खुदा।——–(2)
राह मुझको दिखाना————————–।।
नहीं विश्वास यहाँ पर, मुझको इतना किसी पर।
तू ही मेरा रहबर है, मैं जिन्दा हूँ तेरे दम पर।।
साथ हरपल तू रहना, बनकर साया तू मेरा।
हे मेरे मालिक, हे मेरे खुदा।——–(2)
राह मुझको दिखाना———————–।।
साख कम मेरी नहीं हो, मेरा मकसद हो ऐसा।
रश्क जीवन से नहीं हो, तेरा वरदान हो ऐसा।।
मुझको ताकीद तू करना, गर गलत मकसद हो मेरा।
हे मेरे मालिक, हे मेरे खुदा।——–(2)
राह मुझको दिखाना—————————-।।
यह जो महफ़िल यहाँ पर, मैंने आज सजाई है।
किसके खातिर यहाँ पर, मैंने ज्योति जलाई है।।
किश्ती मेरी पार लगाना, तू ही खिवैया है मेरा।
हे मेरे मालिक, हे मेरे खुदा।——–(2)
राह मुझको दिखाना—————————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी. आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)