राह नही आसान
**राह नहीं आसान**
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राह नहीं आसान है,
चाह हुई कुरबान है।
कार सदा होकर रहा,
होनी बड़ी बलवान है।
बाट न कोई पूछता,
दूर बहुत भगवान है।
दे न सके पाई किसे,
रंक हुआ धनवान है।
मीत नहीं कोई कहीं,
झूठ भरा संसार है।
धुंध भरी संध्या हुई,
रात बड़ी सुनसान है।
बात न मनसीरत बनी,
साथ हुआ नुकसान है।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)