राह को ले पहचान रे साथी।
राह को ले पहचान रे प्यारे
राह नहीं आसान
जगमग है जग सारा
तेरा घर क्यों अँधियारा
उठ उग जा जैसे दिनमान
रे प्यारे राह नहीं आसान ।
मन मे ले जब तू ठान
उठ जा जैसे तूफान
मन मे ईश्वर का ध्यान रे प्यारे
राह को ले पहचान ।।
सब अच्छा होगा ये मान
मन में हो जब कृपानिधान।
रे प्यारे राह को ले पहचान ।।
✍विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र