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15 May 2024 · 1 min read

राह का पथिक

चलता हूं राह का
पथिक बनकर।
हर समय मंजिल मिले।
ये जरूरी तो नहीं।।

अपनो की भीड़ में
अकेले है हम।
हक के लिए चुप रहूं।
ये जरूरी तो नहीं।।

तम की तमस भले
ही घनी हो।
पर दिया ही ना जलाऊ
ये जरूरी तो नहीं।।

मन मेरा निश्छल व
पाक साफ है।
हर किसी को बताऊं
ये जरूरी तो नहीं।।

हर मोड़ पर खुशी
मिलती है मुझे।
पर गम कभी ना मिले
ये जरूरी तो नहीं।।

आसमान भले ही
ऊंचा हो।
पर होसलो में उड़ान ना हो
ये जरूरी तो नहीं।।

Language: Hindi
1 Like · 23 Views
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