Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Aug 2024 · 1 min read

– राहत –

– राहत –
तुझे देखने से,
तेरे दीदार से,
सुकून के पल जब होते ,
आंखो को ठंडक पहुंचती तब,
तेरा दीदार होता जब,
आने तेरे बाहर आ जाती,
जाने से तेरे सुनापन छा जाता,
तुझको न देखू तो बेचैनी आ जाए,
तुझको जब देखू तो दिल को करार आए,
मन को भी राहत मिल जाए,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान

Language: Hindi
46 Views

You may also like these posts

उम्मीद से अधिक मिलना भी आदमी में घमंड का भाव पैदा करता है !
उम्मीद से अधिक मिलना भी आदमी में घमंड का भाव पैदा करता है !
Babli Jha
एक छोटी सी मुस्कान के साथ आगे कदम बढाते है
एक छोटी सी मुस्कान के साथ आगे कदम बढाते है
Karuna Goswami
*सवाल*
*सवाल*
Naushaba Suriya
*कभी मस्तिष्क से ज्यादा, हृदय से काम लेता हूॅं (हिंदी गजल)*
*कभी मस्तिष्क से ज्यादा, हृदय से काम लेता हूॅं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
Why Doesn't mind listen?
Why Doesn't mind listen?
Bindesh kumar jha
जीवन में ठहरे हर पतझड़ का बस अंत हो
जीवन में ठहरे हर पतझड़ का बस अंत हो
Dr Tabassum Jahan
"You’re going to realize it one day—that happiness was never
पूर्वार्थ
आगाज...जिंदगी का
आगाज...जिंदगी का
सोनू हंस
अमर कलम ...
अमर कलम ...
sushil sarna
रोशनी चुभने लगे
रोशनी चुभने लगे
©️ दामिनी नारायण सिंह
दोस्त
दोस्त
Shweta Soni
भारत माता की वंदना
भारत माता की वंदना
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
धार में सम्माहित हूं
धार में सम्माहित हूं
AMRESH KUMAR VERMA
अपयश
अपयश
Kirtika Namdev
बलात्कार
बलात्कार
Dr.sima
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
मजा मुस्कुराने का लेते वही...
मजा मुस्कुराने का लेते वही...
Sunil Suman
यादों की किताब पर खिताब
यादों की किताब पर खिताब
Mahender Singh
ये ढलती शाम है जो, रुमानी और होगी।
ये ढलती शाम है जो, रुमानी और होगी।
सत्य कुमार प्रेमी
विचारों की सुन्दरतम् प्रस्तुति का नाम कविता
विचारों की सुन्दरतम् प्रस्तुति का नाम कविता
कवि रमेशराज
बदला मौसम मान
बदला मौसम मान
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
प्यार है इक अहसास
प्यार है इक अहसास
Vibha Jain
किसने कहा पराई होती है बेटियां
किसने कहा पराई होती है बेटियां
Radheshyam Khatik
*छाया कैसा  नशा है कैसा ये जादू*
*छाया कैसा नशा है कैसा ये जादू*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
ना अब मनमानी करता हूं
ना अब मनमानी करता हूं
Keshav kishor Kumar
The fell purpose of my hurt feelings taking a revenge,
The fell purpose of my hurt feelings taking a revenge,
Chaahat
#ਮੇਰੇ ਉੱਠੀ ਕਲੇਜੇ ਪੀੜ
#ਮੇਰੇ ਉੱਠੀ ਕਲੇਜੇ ਪੀੜ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
हिंदी
हिंदी
Sudhir srivastava
3535.💐 *पूर्णिका* 💐
3535.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
Loading...