राहत
बरसात का मौसम है पानी टपक रहा है
शीतलता मिल रही है आनन्द आ रहा है
बारिश के बुन्दों से तन-मन सिहर रहा है
ठन्डी- ठन्डी हवाओं से मन मचल रहा है
बादल उमड़कर, गगन में दीख रहा है
अपनी बुन्दों से सबको चमन कर रहा है
सूखी पड़ी थी धरती अंकुरण हो रहा है
खेतो में चारोतरफ हराभरा दीख रहा है
किसानों का भी मन उल्लासित हो रहा है
राहत सभी लोगों को गर्मी से मिल रहा है
©️ रमेश कुमार सिंह रुद्र®️