रास रचिय्या श्रीधर गोपाला।
मधुवन में रास रचाये।
रास रचिय्या श्रीधर गोपाला।।
राधा के संग प्रेम करे।
मीरा मोहन श्रीदेवकी लाला।।
गोपियों को लाज है आवे।
वस्त्र चुराए जो श्रीनंद लाला।।
सबको मंत्रमुग्ध कर दे।
बंशी बजा के श्रीहरि कान्हा।।
सुध बुध खोए हर कोई।
देखे रूप जब श्रीरमा राधा।।
वृंदावन के प्रत्येक गृह से।
माखन चुराए श्रीबंशी वाला।।
गोपियां व्यकुल हो जाए।
जब ना छेड़े श्रीसुत सोमा।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ