राष्ट्र भक्ति
विधा- दोहे
जन्म भूमि बेजोड़ है, कर्म भूमि अनमोल।
मातृ भूमि अनुपम यहाँ ,देश भक्त जै बोल।।(1)
जनता करती अर्चना, करके धन का दान।
राष्ट्र भक्ति सबसे बड़ी, जीवन का कर भान।(2)
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
विधा- दोहे
जन्म भूमि बेजोड़ है, कर्म भूमि अनमोल।
मातृ भूमि अनुपम यहाँ ,देश भक्त जै बोल।।(1)
जनता करती अर्चना, करके धन का दान।
राष्ट्र भक्ति सबसे बड़ी, जीवन का कर भान।(2)
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम