राष्ट्रवन्दना।
सभी राष्ट्रवासियों,राष्ट्रप्रेमिओं को समर्पित एक रचना..
१.अमर राष्ट्र है वंदन करो।
पुनीत राष्ट्र है वंदन करो।
२.माँ के अंचल पर स्निग्ध
#स्नेहदर्पण के साक्ष्य बनो।।
३.पावन राष्ट्र है वंदन करो।।
अमर राष्ट्र की उत्स स्वरों से
उत्स वंदना करो।
४.अभीष्ट राष्ट्र है वंदन करो।
अखिल राष्ट्र का भूमंडल से,
गात अर्चन,नृत्य, वंदन करो….
५.भागिरथी के जल से, राष्टरेश्वर का चरणामृत
सहज सुलभ प्राप्त करो।।
६.संस्कृति उद्गमित राष्ट्र है,
चिंतन करो।
७.वसुधैव कटुबकम से,
माँ का नित्योत्स वंदनकरो।।
८.सम्प्रभु राष्ट्र है वंदन करो।
सत्सगीं राष्ट्र है संगम करो।
९.अमर राष्ट्र है वंदन करो
स्वच्छ राष्ट्र हैं वंदन करो।।
१०.अमर राष्ट्र है, वंदन करो
पुनीत राष्ट्र है वंदन करो।।।