बापू गाँधी
राष्ट्रपिता वो कहलाते
बच्चे उनको बापू बुलाते
सत्य,अहिंसा का पाठ पढ़ाया
यूँ देश को आज़ाद कराया।
जीते थे सदा जीवन सादा
देश से किया था इक वादा
था तनमन जीवन लगाया
देश को ‘स्वातंत्र्य’ दिलाया।
फिरंगियों से लड़ी लड़ाई
आज़ादी की कीमत चुकाई
प्रतिदिन थे चरखा चलाते
करते थे वस्त्रों की बुनाई।
तन पर न कभी कोई कोट था
सदैव ही पहनते थे धोती
अस्त्र उनके केवल ये ही
सत्य,अहिंसा मीठी सी बोली।
मखमल ना कोई रेशम था
वस्त्र थे केवल उनके खादी
बस इक लाठी के दम पे ही
शत्रुओं को थी धूल चटाई।
घबराकर यूँ भागे फ़िरंगी
भारत ने आज़ादी पाई
आया पावन दिन ये कितना
बापू को जन्मदिन की बधाई।
✍️”कविता चौहान”
स्वरचित एवं मौलिक