रावण दहन सही या गलत !!
कुछ लोग कहते है……… जो हमारी बेटियो को धोखा देकर रेप करके जिंदा जला देते है, हम उन्हे नही जलाते! लेकिन एक रावण को इसलिए हर वर्ष जलाते है क्योंकि उसने माता सीता को पुत्री समान 11 माह तक लंका में रखा!
सीता लंका में सुरक्षित रही इसके पीछे रावण की मृत्यु। कभय था, रावण की मर्यादा नही वरना जिस रावण ने देवलोक की अप्सरा को नही छोड़ा……..पृथ्वी मां को नही छोड़ा………वो दुष्ट रावण भला सीता को छोड़ देता क्या? अब कुछ लोग कहेंगे की ठीक है लेकिन………और जब उसके कुकर्म रुकने का नाम नहीं ले रहे थे तो ब्रह्मा जी ने रावण को श्राप दिया था की किसी भी पराई स्त्री को उसकी इच्छा के विरुद्ध स्पर्श करते ही………… रावण के 100 टुकड़े हो जायेगे! यही वजह थी कि रावण ने माता सीता को स्पर्श नही किया………. रावण ने अपनी बहन के अपमान पर अपना साम्राज्य सर्वश्व लुटा दिया! रावण जैसा भाई कोई नही हो सकता………. तो उनको मैं कहना चाहूंगा कि अरे महामूर्खो…………. अगर गलती करे तो उसे टोकना………. रोकना और समझना चाहिए! ना की उसका साथ देना चाहिए! बहन की गलती पर उसका साथ देना वाला………. उसका दुश्मन होता हैं भाई नही हो सकता…….. कौन है आज का रावण? वह व्यक्ति जो जो ज्ञान होने के बाद भी अधर्म का गुणगान करे……… अधर्मी का साथ दे…………. हर वो व्यक्ति रावण है……….. अधर्मी रावण को आदर्श मानने वाले भी रावण से कम नहीं है……… रावण का दहन दशहरे को करना मित्रो……. किंतु ऐसे विचार रखने वाले लोगो का दहन आज ही कर दो! हां यह सच है की रावण ज्ञानी था, विद्वान था, त्रिलोक विजेता था, चारो वेदो का ज्ञाता था, शिवतांडव स्तोत्र का रचयिता एवम परम शिवभक्त था, किंतु एक बलात्कारी कभी भी पूजनीय नही हो सकता…… इसलिए अपना आदर्श रावण को नही राम को बनाए और यह कलयुग के रावण की बातो में न आए!!!!!!
धन्यवाद!
जय श्री राम जी की………..
।। जय श्री राम दोस्तो ।।