राम
राम🌿🌿
वन में राम सहर्ष गए,
लिए हुए अद्भुत विश्वास
संग भरत का प्रेम ले,
चले अनेक मित्र भी साथ।
राह सूर्पनखा मिलती है
नाना प्रकार कर अद्भुत शृंगार,
करती मनुहार अनेक ,
लिए हुए वासना अपार।
स्वीकार नहीं पर नारि कोई
अद्भुत जीवन के आदर्श
मरते हुए अनेक दीन
प्रणित हैं पाकर स्पर्श।
अनेक तपी करते प्रतीक्षा
एक दरस को पाने को
निज जीवन कृतार्थ करने
राम कृपा को अपनाने को।
आस यही है हे भगवन
मर्यादित अपना जीवन हो
विचरण हो यद्यपि जग में
मन राम चरण में ही हो।
~माधुरी महाकाश
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