राम श्याम शिव गाये जा
राम श्याम शिव गाये जा
राम से प्रीत लगाये जा
हरि बिन तेरा कौन सहारा
मन का भरम मिटाये जा
गर्भ मे तूने दिया जो वाणी
वचन क्यों भूला मूरख अग्यानी
प्यारे तेरा भला इसी मे
किया कौल वो निभाये जा
बड़ा हुआ दौलत को पूजा बसा सजा घर बार
उस ईश्वर को भूल गया जिसने बसाया संसार
समय के रहते सभल ऐ प्यारे
प्रभु का कर्ज चुकाये जा
बूढ़ापन यमदूत के साये ये तो तू भी जाने है
फिर क्यो इतना मोह बढ़ाये क्यूँ मन का कहना माने है
माया मोह छोड़कर प्यारे
राम से मोह लगाये जा
स्वरचित मौलिक रचना
M.Tiwari”Ayan”