#राम-राम जी..👏👏
#राम-राम जी..👏👏
जोगीरा के रंग में, होली के हों गीत।
भाईचारा ढोल पर, रंज़ भुलाए मीत।।
मिलती ख़ुशी मिलाप से, दृढ़ बनें संबंध।
मानव की साँसें लगें, कविता सरिस सुगंध।।
#आर.एस. ‘प्रीतम’
#राम-राम जी..👏👏
जोगीरा के रंग में, होली के हों गीत।
भाईचारा ढोल पर, रंज़ भुलाए मीत।।
मिलती ख़ुशी मिलाप से, दृढ़ बनें संबंध।
मानव की साँसें लगें, कविता सरिस सुगंध।।
#आर.एस. ‘प्रीतम’