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14 Feb 2024 · 1 min read

*राम-राम कहकर ही पूछा, सदा परस्पर हाल (मुक्तक)*

राम-राम कहकर ही पूछा, सदा परस्पर हाल (मुक्तक)
_________________________
राम-राम कहकर ही पूछा, सदा परस्पर हाल
शुरू हुआ विक्रम संवत से, जिनका नूतन साल
नमन-नमन सौ बार नमन वह, पूर्वज श्रेष्ठ हमारे
धोती कुर्ता टोपी पहने, जिनकी प्रमुदित चाल
————————————–
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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