राम रमापति
राम रमापति
राम रमापति सबहि पियारे।
चरण शरण हम पड़े दुआरे।।
शीघ्र करहु संकट कर नाशा।
सबके हृदय यही अभिलाषा।।
सारा जगत आज भय पाता।
संकट दूर करो भयत्राता।।
समदर्शी तुम कहा बतावें।
हे करुणाकर पार लगावें।।
इंदु पाराशर
राम रमापति
राम रमापति सबहि पियारे।
चरण शरण हम पड़े दुआरे।।
शीघ्र करहु संकट कर नाशा।
सबके हृदय यही अभिलाषा।।
सारा जगत आज भय पाता।
संकट दूर करो भयत्राता।।
समदर्शी तुम कहा बतावें।
हे करुणाकर पार लगावें।।
इंदु पाराशर