राम मंदिर विध्वंस से शिलान्यास तक एक एतिहासिक सच
पूर्बकाल मेंआक्रांताओं ने, धर्मसंस्कृति पर प्रहार किए
लूटे धर्मस्थल मठ-मंदिर, और हजारों तोड़ दिए।
छोटे-छोटे राज्य असंगठित, आक़ांताओं ने जीत लिए।
काफिर कहकर मारे हिंदू, लाखों जिंदा जला दिए ।
मुगल काल में हिंदू के ऊपर, जमकर अत्याचार हुए।
जीना हुआ हराम, हिन्दू पर जजिया कर लगा दिए ।
हिंदू तीर्थ स्थानों पर, जमकर उत्पात मचाया था ।
काशी मथुरा अयोध्या को, भारी नुक़सान पहुंचाया था
सोमनाथ मार्तंड ढहाए,और प़हार लाखों पर था।
इसलाम को श्रेष्ठ बता कर, मज़हबी उन्माद फैलाते थे।
हिंसा जोर जबरदस्ती से, धर्म परिवर्तन कराते थे ।
बाबर के सेनापति मीर बाकी ने, राम जन्मभूमि मंदिर ढहाया था।
उसी स्थान पर मीर ने, बाबरी को तामील कराया था ।
राम जन्मभूमि अयोध्या में, ५०० वर्ष लड़ाई लड़ी ।
शहीद हुए थे कई राजा, राजाओं की फौज बड़ी।
मरती खपती रहीं पीढ़ियां, शीशों की न कमी पड़ी ।
राम मंदिर विध्वंस के बाद,बीरों ७६युध्द लड़े।
चार लाख हिन्दुओं के,उन युध्दों में शीश कटे।
मरते रहे साधू संत भक्त, और धर्म के रखवारे।
धर्म और संस्कृति बचाने, शहीद हुए थे मतबारे।
मुगल काल में भारी, हिंन्दु धर्म का दमन हुआ ।
अंग्रेजों ने भी इस मुद्दे को, जानबूझकर नहीं छुआ ।
हिंदू-मुस्लिम बांटो राज करो, इसी नीति को अपनाया।
आजादी के बाद विवाद, न्याय प्रक्रिया में आया ।
70 साल लगे न्याय में, राजनीति ने लटकाया ।
बोट बैंक के खातिर, तुष्टिकरण को अपनाया।
जन्म प्रमाण पत्र मांगा राम का, काल्पनिक उन्हें बताया।
साम्यवादीयों ने भी, जमकर इतिहास से भटकाया ।
सन१९९२में कार सेवकों ने,विबादित ढांचा ढहाया।
गोलियां चलीं राम भक्तों पर, गोधरा में उन्हें जलाया।
दंगे हुए देश भर में,भारी नुक़सान उठाया।
चलता रहा केस कोर्ट में, और आदेश से खुदाई हुई।
मिले साक्ष्य मंदिर के,आखिर में सत्य की जीत हुई।
अनवरत हुए संघर्ष, अब शिलान्यास की घड़ी आई ।
कोटि-कोटि जन मानस, आज हृदय में हरषाई ।
धर्मनिरपेक्षता के नाम पर,बांमपंथी आज भी चालें चलते हैं।
तुष्टिकरण बोट के भूखे नेता, टुकड़े टुकड़े करते हैैं।
सावधान अब कोई बाबर, भारत में न घुस जाए।
अपनी धर्म संस्कृति को, नुकसान न कोई पहुंचाए।
संकल्प करें, रहें एकजुट, ख़तरों सावधान रहें।
आस्था अस्मिता बचाने,हर पल सजग सतर्क रहें।
राम करे किसी का धर्म स्थल, कभी नहीं कोई तोड़े ।
धर्म और संस्कृति आस्था, कभी नहीं कोई मोड़े ।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी