राम भजन
सरसी छन्द
राम जपो या जप लो कृष्णा,दोनों प्रभु के नाम।
राम अयोध्या में जन्मे थे, कृष्णा मथुरा धाम।
प्रभू राम त्रेता युग आए,कृष्णा द्वापर नाम ।
अब आ जाओ द्वय रूप में,कलियुग है बदनाम।।
राम नाम की महिमा गाई,वेद रूप भगवान।
लीलाधर श्री कृष्ण कन्हैया,गीता से पहचान।
मर्यादा पुरुषोत्तम रामा,आदर्शी इंसान ।
राजनीति व धर्मनीति का,दिया कृष्ण जी ज्ञान ।।
सत्य शाश्वत धर्म की रक्षा,कारण हित अवतार।
विप्र धेनु अरु संत सुरक्षा,हरते धरती भार।
शंखनाद कर मानवता का, करते जग विस्तार।
अहंकार जग दोष बताया,राम नाम आधार ।।
राम नाम का लिया सहारा, उन पाया उद्धार ।
राम भजन से जगत सुखारी,सुमिरन जीवन सार।
राम अंश से जन्मा प्राणी, मानव राजकुमार ।
राम नाम पर जिसे भरोसा,उसका हो उद्धार ।।
राजेश कौरव सुमित्र