Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 May 2020 · 1 min read

)))))) “राम” बने ((((((

राज तजे, जंगल जाकर ‘जन’ आम बने।
त्याग, तपस्या, धर्म, दया का धाम बने।
‘पुरुषोत्तम’ बन जाना इतना सरल न था,
राम तपे, वन-वन भटके, तब ‘राम’ बने।

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 226 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Asman se khab hmare the,
Asman se khab hmare the,
Sakshi Tripathi
मुक्तक
मुक्तक
महेश चन्द्र त्रिपाठी
3312.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3312.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
*सूझबूझ के धनी : हमारे बाबा जी लाला भिकारी लाल सर्राफ* (संस्मरण)
*सूझबूझ के धनी : हमारे बाबा जी लाला भिकारी लाल सर्राफ* (संस्मरण)
Ravi Prakash
(14) जान बेवजह निकली / जान बेवफा निकली
(14) जान बेवजह निकली / जान बेवफा निकली
Kishore Nigam
जब तुम उसको नहीं पसन्द तो
जब तुम उसको नहीं पसन्द तो
gurudeenverma198
प्रेम
प्रेम
Pratibha Pandey
*चाटुकार*
*चाटुकार*
Dushyant Kumar
युग परिवर्तन
युग परिवर्तन
आनन्द मिश्र
है हमारे दिन गिने इस धरा पे
है हमारे दिन गिने इस धरा पे
DrLakshman Jha Parimal
तुम से प्यार नहीं करती।
तुम से प्यार नहीं करती।
लक्ष्मी सिंह
सोशल मीडिया पर दूसरे के लिए लड़ने वाले एक बार ज़रूर पढ़े…
सोशल मीडिया पर दूसरे के लिए लड़ने वाले एक बार ज़रूर पढ़े…
Anand Kumar
तुम्हारा दिल ही तुम्हे आईना दिखा देगा
तुम्हारा दिल ही तुम्हे आईना दिखा देगा
VINOD CHAUHAN
जितना बर्बाद करने पे आया है तू
जितना बर्बाद करने पे आया है तू
कवि दीपक बवेजा
धर्मग्रंथों की समीक्षा
धर्मग्रंथों की समीक्षा
Shekhar Chandra Mitra
सोचो अच्छा आज हो, कल का भुला विचार।
सोचो अच्छा आज हो, कल का भुला विचार।
आर.एस. 'प्रीतम'
सितमज़रीफ़ी
सितमज़रीफ़ी
Atul "Krishn"
ये क़िताब
ये क़िताब
Shweta Soni
‼️परिवार संस्था पर ध्यान ज़रूरी हैं‼️
‼️परिवार संस्था पर ध्यान ज़रूरी हैं‼️
Aryan Raj
दोहे
दोहे
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
काली मां
काली मां
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हाइकु (#मैथिली_भाषा)
हाइकु (#मैथिली_भाषा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
हिंदुस्तानी है हम सारे
हिंदुस्तानी है हम सारे
Manjhii Masti
यूं ही हमारी दोस्ती का सिलसिला रहे।
यूं ही हमारी दोस्ती का सिलसिला रहे।
सत्य कुमार प्रेमी
धीरे-धीरे रूप की,
धीरे-धीरे रूप की,
sushil sarna
*दो स्थितियां*
*दो स्थितियां*
Suryakant Dwivedi
"खुश होने के लिए"
Dr. Kishan tandon kranti
किस्मत की लकीरें
किस्मत की लकीरें
umesh mehra
कहाॅं तुम पौन हो।
कहाॅं तुम पौन हो।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
नए मुहावरे में बुरी औरत / MUSAFIR BAITHA
नए मुहावरे में बुरी औरत / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
Loading...