)))))) “राम” बने ((((((
राज तजे, जंगल जाकर ‘जन’ आम बने।
त्याग, तपस्या, धर्म, दया का धाम बने।
‘पुरुषोत्तम’ बन जाना इतना सरल न था,
राम तपे, वन-वन भटके, तब ‘राम’ बने।
राज तजे, जंगल जाकर ‘जन’ आम बने।
त्याग, तपस्या, धर्म, दया का धाम बने।
‘पुरुषोत्तम’ बन जाना इतना सरल न था,
राम तपे, वन-वन भटके, तब ‘राम’ बने।