राम ने सीता का त्याग नहीं किया
राम मेरे मर्यादा पुरुषोत्तम थे
मर्यादा पुरुषोत्तम वो सदा रहे …,
सीता को राम ने त्याग| ये मात्र एक
कल्पना रही ,
राम ने सीता की अग्निपरीक्षा ली
ये भी मिथ्या मात्र रही ,
हे हिन्दू | अब तो जागो
अब तो समझो
उत्तर रामायन प्रक्षिप्त रचना मात्र रही ,
ये युगों युगों का इतिहास रहा
समय समय पर परिवर्तित हर ग्रन्थ हुआ
किसका जोड़ा किसका घटाया
ये तो कहना मुश्किल है
लेकिन हे मनु – पुत्रों
गहन अध्ययन का आवाहन है –
सत्य की खोज का ये चिंतन है ,
मेरे राम नहीं थे ऐसे
की वो पत्नी परीक्षा लें ,
मेरे राम नहीं थे ऐसे की
वो एक गर्भिणी को वन वन छोड़ दें ,
राम मेरे मर्यादा पुरुषोत्तम थे ..सदा रहेंगे
प्रतिपल वो मर्यादा के रक्षक हैं ,
बिना शोध कोई ज्ञान नहीं
ये दुनिया है जो सुनी सुनाई को सुनती है ,
राम मर्यादा के पालक हैं
उन पर यूँ ना आछेप करो ,
पहले ढंग का ज्ञान करो
फिर राम का कोई बखान करो ,
राम बहुत विस्तृत है
छण भर की श्रुति में
ये न सिमटेंगे ,
राम तो फिर राम हैं उनको न यूँ संधान करो
पहले अपना दूर अज्ञान करो |
द्वारा – नेहा ‘आज़ाद’
प्रक्षिप्त का मतलब मिलावट , फेंक है |