राम नाम की गूंज से
राम नाम की गूंज से,छाया अतिशय हर्ष।
धर्म सनातन कह रहा,जय जय भारत वर्ष।।
धर्म सनातन सीख मधु,रहे मनुज उर हर्ष।
उत्तम करते कर्म जो,होता तत उत्कर्ष।।
धर्म सनातन संग में,सदा यथोचित कर्म।
मानवता सबसे बड़ी,अनुपम इसका मर्म।।
श्रेष्ठ कर्म करके मनुज,करे ईश का ध्यान।
सबसे पावन धर्म यह,कहता वेद विधान।।
उग्रता करना मत कभी,कहे सनातन धर्म।
सत्य हितैषी भाव रख,करिए दैनिक कर्म।।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम