Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Nov 2019 · 1 min read

राम का मंदिर बनाएंगे

हां हम इस देश का वासी है,
इस मिट्टी का कर्ज चुकाएंगे।
अयोध्या भूमि के नगरी में,
राम का मंदिर बनाएंगे।

हिंदू मुस्लिम हम एक होकर,
भाईचारा का फर्ज निभाएंगे।
अयोध्या भूमि की नगरी में ,
राम का मंदिर बनाएंगे ।

मैत्री की राह चलाकर,
दया भाव बरसायेंगे।
रामलला की नगरी में ही,
राम का मंदिर बनाएंगे।

जय श्रीराम की घोष कर,
राम के दूत कहलाएंगे।
अयोध्या भूमि की नगरी में,
राम का मंदिर बनाएंगे ।

शक्तिपुंज की ज्वाला बनाकर,
भगवा झंडा लहरायेंगे।
अयोध्या भूमि की नगरी में ,
राम का मंदिर बनाएंगे ।
~~~~~~~~~~~~~~
रचनाकार- डिजेंद्र कुर्रे “कोहिनूर”
पीपरभावना , बलौदाबाजार (छ.ग.)
मो. 8120587822

Language: Hindi
1 Like · 217 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सच्चा नाता
सच्चा नाता
Shriyansh Gupta
जिसका समय पहलवान...
जिसका समय पहलवान...
Priya princess panwar
“आखिर मैं उदास क्यूँ हूँ?
“आखिर मैं उदास क्यूँ हूँ?
DrLakshman Jha Parimal
जब कोई हाथ और साथ दोनों छोड़ देता है
जब कोई हाथ और साथ दोनों छोड़ देता है
Ranjeet kumar patre
എന്റെ കണ്ണൻ
എന്റെ കണ്ണൻ
Heera S
मस्ती का त्योहार है होली
मस्ती का त्योहार है होली
कवि रमेशराज
परेशान सब है,
परेशान सब है,
Kajal Singh
रतन टाटा जी..!!
रतन टाटा जी..!!
पंकज परिंदा
चीत्कार रही मानवता,मानव हत्याएं हैं जारी
चीत्कार रही मानवता,मानव हत्याएं हैं जारी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मैं प्रगति पर हूँ ( मेरी विडम्बना )
मैं प्रगति पर हूँ ( मेरी विडम्बना )
VINOD CHAUHAN
"मुश्किल वक़्त और दोस्त"
Lohit Tamta
सोलह श्राद्ध
सोलह श्राद्ध
Kavita Chouhan
*एक मां की कलम से*
*एक मां की कलम से*
Dr. Priya Gupta
ये रात है जो तारे की चमक बिखरी हुई सी
ये रात है जो तारे की चमक बिखरी हुई सी
Befikr Lafz
दुनिया इतनी बड़ी किताब है
दुनिया इतनी बड़ी किताब है
Indu Singh
धीरे _धीरे ही सही _ गर्मी बीत रही है ।
धीरे _धीरे ही सही _ गर्मी बीत रही है ।
Rajesh vyas
क्या यही संसार होगा...
क्या यही संसार होगा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
*पूर्णिका*
*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पितृ दिवस
पितृ दिवस
Dr.Pratibha Prakash
*पहले-पहल पिलाई मदिरा, हॅंसी-खेल में पीता है (हिंदी गजल)*
*पहले-पहल पिलाई मदिरा, हॅंसी-खेल में पीता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
माला फेरें राम की,
माला फेरें राम की,
sushil sarna
☺️भागवत-मंथन☺️
☺️भागवत-मंथन☺️
*प्रणय*
नश्वर संसार
नश्वर संसार
Shyam Sundar Subramanian
राम
राम
Sanjay ' शून्य'
" वो "
Dr. Kishan tandon kranti
पानी से पानी पर लिखना
पानी से पानी पर लिखना
Ramswaroop Dinkar
मेरे भाव मेरे भगवन
मेरे भाव मेरे भगवन
Dr.sima
वेलेंटाइन डे आशिकों का नवरात्र है उनको सारे डे रोज, प्रपोज,च
वेलेंटाइन डे आशिकों का नवरात्र है उनको सारे डे रोज, प्रपोज,च
Rj Anand Prajapati
अनुनय (इल्तिजा) हिन्दी ग़ज़ल
अनुनय (इल्तिजा) हिन्दी ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
नींद आज नाराज हो गई,
नींद आज नाराज हो गई,
Vindhya Prakash Mishra
Loading...