Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2024 · 1 min read

#राम अभी लौटे नहीं

🙏
● #राम अभी लौटे नहीं ●

जिनके मस्तक सूने हैं
निज भाषा अभिमान नहीं
किस विधि राजा हुए श्रीराम
ज्ञान नहीं और भान नहीं

खानपान परिधान म्लेच्छ
हुए न्यायविद दंडअधिकारी
हे रामलला वे मूढमति
हरिनगरी को देवे हैं गारी

छलप्रपंच और मतिस्तंभन
आज अजुध्या हारी है
कटुकठोर यह संकट आज
मृत्यु से भी भारी है

जंबूद्वीपे धर्मध्वजा
कह जयश्रीराम फहराएंगे
क्षमा क्षमा कौसल्यानंदन
लौटके फिर हम आएंगे

कोई ताडका मारीच सुबाहु
कबंध कोई दशानन हो
सब पहुंचेंगे यमपुरी
मनमस्तक तुमरा आसन हो

शील सत्य हों सखा हमारे
सौमित्र हमारे दच्छिन हों
ऐसी किरपा करना प्रभु
एक हमारे पदचिह्न हों

वचन कर्म जब एक हों
एक ध्येय हो जयश्रीराम
एक अखंड भारत जब होवे
लौटके आना तुम निजधाम
लौटके आना तुम निज धाम !

#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)
९४६६०१७३१२

Language: Hindi
36 Views

You may also like these posts

बोलतीआँखें 👁️ 👁️
बोलतीआँखें 👁️ 👁️
पंकज कुमार कर्ण
The Heart Wishes For The Waves.
The Heart Wishes For The Waves.
Manisha Manjari
तोड़ूंगा भ्रम
तोड़ूंगा भ्रम
Shriyansh Gupta
असली अभागा कौन ???
असली अभागा कौन ???
VINOD CHAUHAN
"ये वक्त भी"
Dr. Kishan tandon kranti
🙅भूलना मत🙅
🙅भूलना मत🙅
*प्रणय*
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
प्रतीक्षा में गुजरते प्रत्येक क्षण में मर जाते हैं ना जाने क
प्रतीक्षा में गुजरते प्रत्येक क्षण में मर जाते हैं ना जाने क
पूर्वार्थ
बांटेगा मुस्कान
बांटेगा मुस्कान
RAMESH SHARMA
गर्मी के दिन
गर्मी के दिन
जगदीश शर्मा सहज
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
दिल का हर रोम रोम धड़कता है,
दिल का हर रोम रोम धड़कता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जिंदगी
जिंदगी
Sangeeta Beniwal
मै बावरिया, तेरे रंग में रंग जाऊं
मै बावरिया, तेरे रंग में रंग जाऊं
Dr.sima
हरसिंगार
हरसिंगार
Shweta Soni
- जिंदगानी की कहानी -
- जिंदगानी की कहानी -
bharat gehlot
मोबाइल
मोबाइल
अवध किशोर 'अवधू'
गहराई.
गहराई.
Heera S
4890.*पूर्णिका*
4890.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मै घट हूँ घटनाओ का
मै घट हूँ घटनाओ का
C S Santoshi
मेरे प्रेम पत्र
मेरे प्रेम पत्र
विजय कुमार नामदेव
थप्पड़ एक किसान का खाकर
थप्पड़ एक किसान का खाकर
Dhirendra Singh
जिसने अपने जीवन में दर्द नहीं झेले उसने अपने जीवन में सुख भी
जिसने अपने जीवन में दर्द नहीं झेले उसने अपने जीवन में सुख भी
Rj Anand Prajapati
जिंदगी की किताब
जिंदगी की किताब
Surinder blackpen
परिवार के बीच तारों सा टूट रहा हूं मैं।
परिवार के बीच तारों सा टूट रहा हूं मैं।
राज वीर शर्मा
संग दिल जहां
संग दिल जहां
ओनिका सेतिया 'अनु '
कितना और सहे नारी ?
कितना और सहे नारी ?
Mukta Rashmi
माँ की आँखों में पिता
माँ की आँखों में पिता
Dr MusafiR BaithA
भले संसद आरक्षित
भले संसद आरक्षित
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
मोबाइल का रिश्तों पर प्रभाव
मोबाइल का रिश्तों पर प्रभाव
Sudhir srivastava
Loading...