रामराज्य की नींव(भक्ति-गीत)
रामराज्य की नींव (भक्ति-गीत)
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रामराज्य की नींव राम मंदिर के शुभ निर्माण से
(1)
सदियों के झगड़े बिसराएं नई राह अपनाएं
सर्वधर्मसमभाव एकता जग भर को दिखलाएं
भाईचारा बढ़े हिंद में आन बान से शान से
रामराज्य की नींव राम मंदिर के शुभ निर्माण से
(2)
मानवता के उच्च मूल्य सहृदयता भरे विचार हों
समता ममता नए दौर में नवयुग के आधार हों
कटुता भूलें गले लगाएँ सबको मन से मान से
रामराज्य की नींव राम मंदिर के शुभ निर्माण से
(3)
हार जीत का भाव न आए, भारत भक्ति प्रबल हो
भारत की जय से आपूरित सारा नभ जल थल हो
सुमन चढ़ाएँ राष्ट्र अर्चना पथ पर सब मन प्राण से
रामराज्य की नींव राम मंदिर के शुभ निर्माण से
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99 97 61 5451