Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Apr 2022 · 3 min read

रामपुर में काका हाथरसी नाइट

रामपुर में काका हाथरसी नाइट: 8 फरवरी 1981
————————————————-
काका हाथरसी हिंदी काव्य मंच के अत्यंत लोकप्रिय और सशक्त हस्ताक्षर थे। सारे भारत में आपके प्रशंसकों की संख्या लाखों में कही जा सकती है । ऐसे ही एक प्रशंसक रामपुर में सुन्दरलाल इंटर कॉलेज के संस्थापक एवं प्रबंधक श्री राम प्रकाश सर्राफ थे । काका हाथरसी की काव्य शैली के आप प्रशंसक थे तथा रामपुर में काका हाथरसी को सुनने के इच्छुक थे। जब सुन्दरलाल इंटर कॉलेज की स्थापना के 25 वर्ष पूरे हुए तब आपने यह विचार किया कि क्यों न काका हाथरसी को रामपुर में आमंत्रित करके काका नाइट का आयोजन किया जाए और इस प्रकार अपने मनपसंद कवि को देर तक साक्षात सुनने का शुभ अवसर प्राप्त हो । इसी योजना के अंतर्गत दो दिवसीय काव्योत्सव आपने सुन्दरलाल इंटर कॉलेज के प्रांगण में आयोजित किया। पहले दिन 8 फरवरी 1981 को काका हाथरसी नाइट का आयोजन था तथा अगले दिन 9 फरवरी 1981 को #वसंत_पंचमी के दिन अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन रखा गया था ।
कार्यक्रम के संचालन के लिए आपने श्री #भगवान_स्वरूप_सक्सेना_मुसाफिर से संपर्क किया । भगवान स्वरूप सक्सेना जी की मंच संचालन क्षमता बेजोड़ थी । आपकी गंभीर आवाज जो खनकदार गूँज पैदा करती थी , उसका कोई सानी नहीं था। आज भी आपकी आवाज का कोई दूसरा विकल्प दिखाई नहीं देता। आप सहज ही दोनों दिन के काव्य – समारोह का संचालन करने के लिए राजी हो गए। वास्तव में आपकी राम प्रकाश जी से बहुत निकटता तथा आत्मीयता रामपुर में जिला सूचना अधिकारी के पद पर कार्य करते हुए हो गई थी। आपका अक्सर दुकान पर आना , बैठना और बातचीत करते रहना चलता रहता था । अनेक बार आपके साथ आपकी बहन तथा आपकी माताजी भी साथ आ जाती थीं और घर पर अत्यंत सहज रीति से घुलमिल जाती थी । आप मंच संचालन की अद्वितीय क्षमता के साथ-साथ एक अच्छे लेखक और कवि भी थे । पुस्तक “नर्तकी” आपके शब्द चित्रों का एक संग्रह है जिसे गद्य और पद्य का मिलन स्थल कह सकते हैं । तत्काल समारोहों का संचालन करने की जैसी खूबी आपने थी वैसी किसी में नहीं थी । राम प्रकाश जी के दर्जनों समारोहों में आप ने मंच को सुशोभित किया था । कवि सम्मेलन तथा काका नाइट में आपके मंच संचालन से चार चाँद लग गए ।
किन कवियों को बुलाया जाए तथा काका हाथरसी से किस प्रकार से संपर्क किया जाए, इसके लिए रामप्रकाश जी ने विद्यालय के हिंदी प्रवक्ता डॉ चंद्र प्रकाश सक्सेना कुमुद जी से वार्तालाप किया । चंद्र प्रकाश जी न केवल विद्यालय के हिंदी प्रवक्ता थे ,बल्कि हिंदी के बड़े भारी विद्वान थे । कवि और कहानीकार भी थे। आपने संपर्क ढूंढ लिए और इस प्रकार अच्छे कवियों की व्यवस्था काका नाईट के अगले दिन के लिए भी हो गई ।
मुरादाबाद से प्रोफेसर महेंद्र प्रताप विशेष रूप से कार्यक्रम की अध्यक्षता के लिए आमंत्रित किए गए । आप चंद्र प्रकाश सक्सेना जी के गुरु भी रहे थे । इसके अलावा अलीगढ़ से डॉ रवींद्र भ्रमर ,लखनऊ से डॉक्टर लक्ष्मी शंकर मिश्र निशंक ,बरेली से श्रीमती ज्ञानवती सक्सेना, बदायूँ से डॉ.उर्मिलेश ,श्री मोहदत्त साथी , श्री नरेंद्र गरल तथा दिल्ली से श्री अशोक चक्रधर ने कवि सम्मेलन में पधार कर अपनी उपस्थिति से वातावरण को रसमय कर दिया था ।
काका हाथरसी नाइट में काका अपने साथ डॉ. वीरेंद्र तरुण को भी लाए थे। उनका भी काव्य पाठ आकर्षक रहा था । काका हाथरसी की हास्यरस से भरी हुई कुंडलियाँ अपने आप में अनूठी थीं। सहज सरल भाषा और देसी मुहावरों से रची – बसी उनकी कविताएँ जनता के हृदय को स्पर्श करती थीं। रामपुर के सार्वजनिक जीवन में अभी भी वह काव्य – उत्सव स्मृतियों में सजीव है।
————————————————-
लेखक : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 545 1

870 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

🧟‍♂️मुक्तक🧟‍♂️
🧟‍♂️मुक्तक🧟‍♂️
*प्रणय*
ग़ज़ल _ ज़िंदगी भर सभी से अदावत रही ।
ग़ज़ल _ ज़िंदगी भर सभी से अदावत रही ।
Neelofar Khan
3354.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3354.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
जीवन
जीवन
पंकज परिंदा
“बनावटी बातें”
“बनावटी बातें”
ओसमणी साहू 'ओश'
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
कितनी उम्मीदें
कितनी उम्मीदें
Dr fauzia Naseem shad
*धार्मिक परीक्षा कोर्स*
*धार्मिक परीक्षा कोर्स*
Mukesh Kumar Rishi Verma
संघर्ष हमेशा खाली पन में ही अक्सर होता है
संघर्ष हमेशा खाली पन में ही अक्सर होता है
पूर्वार्थ
जब से हमारी उनसे मुलाकात हो गई
जब से हमारी उनसे मुलाकात हो गई
Dr Archana Gupta
दिल की प्यारी
दिल की प्यारी
जय लगन कुमार हैप्पी
विनाश की कगार पर खड़ा मानव
विनाश की कगार पर खड़ा मानव
Chitra Bisht
कर्म-बीज
कर्म-बीज
Ramswaroop Dinkar
शीर्षक – शुष्क जीवन
शीर्षक – शुष्क जीवन
Manju sagar
--कहाँ खो गया ज़माना अब--
--कहाँ खो गया ज़माना अब--
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
तेरे शहर में आया हूँ, नाम तो सुन ही लिया होगा..
तेरे शहर में आया हूँ, नाम तो सुन ही लिया होगा..
Ravi Betulwala
भक्षक
भक्षक
Vindhya Prakash Mishra
ढलती साँझ
ढलती साँझ
शशि कांत श्रीवास्तव
विचार
विचार
Kanchan verma
हाइकु haiku
हाइकु haiku
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
पूर्णिमा का चाँद
पूर्णिमा का चाँद
Neeraj Agarwal
जरूरी है (घनाक्षरी छंद )
जरूरी है (घनाक्षरी छंद )
guru saxena
प्राकृतिक सौंदर्य
प्राकृतिक सौंदर्य
Rahul Singh
" गलतियाँ "
Dr. Kishan tandon kranti
अरे आज महफिलों का वो दौर कहाँ है
अरे आज महफिलों का वो दौर कहाँ है
VINOD CHAUHAN
सियाचिनी सैनिक
सियाचिनी सैनिक
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मंत्र: पिडजप्रवरारूढा, चंडकोपास्त्रकैर्युता।
मंत्र: पिडजप्रवरारूढा, चंडकोपास्त्रकैर्युता।
Harminder Kaur
पेड़ पर अमरबेल
पेड़ पर अमरबेल
Anil Kumar Mishra
Loading...