रामपुर (मुक्तक)
रामपुर(मुक्तक)
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यहाँ मिलजुल के रहते सब, यहाँ हर एक सुर में है
यहाँ है राख गाँधी की, बसी जनता के उर में है
शहर है सभ्यता का यह , यहाँ की बोलियाँ मीठी
कहाँ वह बात दुनिया में, जो अपने रामपुर में है
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451