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28 Nov 2021 · 1 min read

रामपुर (मुक्तक)

रामपुर(मुक्तक)
“””””””””””””””””
यहाँ मिलजुल के रहते सब, यहाँ हर एक सुर में है
यहाँ है राख गाँधी की, बसी जनता के उर में है
शहर है सभ्यता का यह , यहाँ की बोलियाँ मीठी
कहाँ वह बात दुनिया में, जो अपने रामपुर में है
■■■■■■■■■■■■■■■■■■
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
1 Like · 202 Views
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