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3 Apr 2024 · 1 min read

*रामदेव जी धन्य तुम (नौ दोहे)*

रामदेव जी धन्य तुम (नौ दोहे)
________________________
1)
रामदेव जी धन्य तुम, नमन तुम्हें सौ बार
ज्ञान पुरातन देश का, करते पुनरुद्धार
2)
रामदेव जी को करो, सब मिल जय-जयकार
ऋषि यह आयुर्वेद के, भरे ज्ञान-भंडार
3)
भूला आयुर्वेद था, अपना भारत देश
रामदेव जी ने दिया, उसको उज्ज्वल वेश
4)
घर-घर में पहुॅंचा दिया, शुभ अनुलोम-विलोम
रामदेव को गा रहा, चर्चा करता व्योम
5)
साधारण रहते सदा, साधारण परिधान
रामदेव जी को नमन, गाते हिंदुस्तान
6)
रामदेव जी देश की, नौका की पतवार
इनमें दिखती देश की, संस्कृति शुचि साकार
7)
करता आयुर्वेद है, अब सबका उपचार
रामदेव जी धन्य तुम, लिया स्वास्थ्य का भार
8)
आयुर्वेद इलाज है, बीते वर्ष सहस्त्र
रामदेव ने कर दिया, इसको नूतन शस्त्र
9)
बालकृष्ण जी मिल गए, रामदेव को संग
घर-घर आयुर्वेद का, जमा योग का रंग
—————————————-
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

Language: Hindi
2040 Views
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