*रामचरितमानस विशद, विपुल ज्ञान भंडार (कुछ दोहे)*
रामचरितमानस विशद, विपुल ज्ञान भंडार (कुछ दोहे)
🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️
1
रामचरितमानस विशद, विपुल ज्ञान भंडार
उपनिषदों का मर्म यह, चार वेद का सार
2
कथा कह रहे राम की, राम-नाम का मर्म
तुलसीदास बता रहे, मानव का शुभ कर्म
3
सच्चाई से कब डिगे, वन में जाते राम
मानस का संदेश यह, चलो पंथ निष्काम
4
तुलसी ने कविता लिखी, सुंदर काव्य अनूप
धन्य-धन्य मानस लिखा, सिया राम का रूप
5
रामचरितमानस लिखा, अद्भुत ग्रंथ महान
धन्यवाद तुलसी तुम्हें, धन्य-धन्य अवदान
6
दोहा चौपाई लिखे, लिखे सोरठा छंद
मानस-तुलसी की चमक, होगी कभी न मंद
—————————————-
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451