*रामचरितमानस का पाठ : कुछ दोहे*
रामचरितमानस का पाठ : कुछ दोहे
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1
श्रोता नभ के देवता, परम चैत्र शुभ मास ।
रामकथा पढ़ना शुरू, लेखक तुलसीदास ।।
2
भाषा से अनभिज्ञता, उच्चारण के दोष ।
क्षमा करें प्रभु दास पर, करिए तनिक न रोष ।।
3
रामायण को पढ़ सकूॅं, करूॅं राम का जाप ।
मेरी यह क्षमता कहॉं, प्रभु का सिर्फ प्रताप ।।
4
राम-नाम से हो गया, बड़ा राम का नाम ।
पार करें भव-सिंधु से, एक शब्द बस राम ।।
5
नर साधारण मत कहें, दशरथनंदन राम।
श्री हरि इनको जानिए, सौ-सौ बार प्रणाम।।
6
टीका लिख समझा दिया, चौपाई का सार ।
तुलसी से कुछ कम नहीं, धन्य-धन्य पोद्दार।।
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451