Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Sep 2019 · 1 min read

राधे रानी का जन्म

कैसे राधे ने जन्म लिया ,क्या उनके बनवारी है।

इसके लिये एक सुनी हुई ,कथा बहुत ही प्यारी है।

कहते है गोलोक में कृष्ण ,राधा के संग रहते थे।

साथ मित्र श्रीदामा जी भी , गोलोक वास करते थे।

एक बार श्री कृष्ण वहाँ पर ,सखी विराजा सँ निकले।

राधा ने जब देखा उनको ,क्रोध बेन मुख से निकले।

देख क्रोध राधा रानी का,विराजा वहां से बह निकली।

नदी रूप में गई सखी तो,पर राधा जम कर उबली।

यह बात सखा श्रीदामा को,बिल्कुल पसंद नही आई।

उनके मित्र को भला बुरा, उनकी भी त्योरी चढ़ आई।

बोले वह क्रोधित हो कर के ,राधे तुमको शापित करता हूँ।

जाकर जन्मों धरा लोक में ,सजा मुकर्रर करता हूँ।

फिर क्या था राधे ने भी , श्रीदामा को शाप लूटा डाला।

जाकर बनो दैत्य तुम भी ,ओर शंखचूड़ बना डाला।

श्रीकृष्ण देखकर इन दोनों को,मन ही मन हैरान हुए।

कौन बनेगा क्या जाने ,थोड़ा सा परेशान हुए।

फिर बोले राधा से प्रिया ,तुम वर्षभानु दुलारी बनो।

ओर अयोनिजा ही तुम जन्मों , वहां भी मेरी प्यारी बनो।

इस प्रकार राधा ने फिर ,बिना गर्भ के जन्म लिया।

ओर कीर्ति वर्षभानु ने केवल ,वायु को जन्म दिया।

इस प्रकार राधा जी जन्मी,योगमाया से कन्या में।

कृष्ण अंश के अवतारी ,रायाण का मन आया कन्या पर।

कृष्ण राधा का अभिन्न प्यार ,ओर अभिन्न जुदाई भी।

पूर्व जन्म के शाप से शापित ,राधा और कन्हाई भी।

श्रीदामा भी शंखचूड़ ,राक्षस बनकर जन्म गए।

लेकिन राक्षस होकर भी वो ,बने सदा ही विष्णु प्रिय।

कलम घिसाई
9414764891

Language: Hindi
Tag: गीत
3 Likes · 2 Comments · 438 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
“बधाई और शुभकामना”
“बधाई और शुभकामना”
DrLakshman Jha Parimal
*पंचचामर छंद*
*पंचचामर छंद*
नवल किशोर सिंह
नरेंद्र
नरेंद्र
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जिन स्वप्नों में जीना चाही
जिन स्वप्नों में जीना चाही
Indu Singh
स्त्री की स्वतंत्रता
स्त्री की स्वतंत्रता
Sunil Maheshwari
सेवा निवृत काल
सेवा निवृत काल
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
शेर
शेर
SHAMA PARVEEN
हर दफ़ा जब बात रिश्तों की आती है तो इतना समझ आ जाता है की ये
हर दफ़ा जब बात रिश्तों की आती है तो इतना समझ आ जाता है की ये
पूर्वार्थ
मैं भी आज किसी से प्यार में हूँ
मैं भी आज किसी से प्यार में हूँ
VINOD CHAUHAN
सोना बोलो है कहाँ, बोला मुझसे चोर।
सोना बोलो है कहाँ, बोला मुझसे चोर।
आर.एस. 'प्रीतम'
"सबके हित के लिए"
Dr. Kishan tandon kranti
एक लम्हा है ज़िन्दगी,
एक लम्हा है ज़िन्दगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तलबगार दोस्ती का (कविता)
तलबगार दोस्ती का (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
हिन्दी दोहा बिषय-चरित्र
हिन्दी दोहा बिषय-चरित्र
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
किसी की याद में आंसू बहाना भूल जाते हैं।
किसी की याद में आंसू बहाना भूल जाते हैं।
Phool gufran
झुका के सर, खुदा की दर, तड़प के रो दिया मैने
झुका के सर, खुदा की दर, तड़प के रो दिया मैने
Kumar lalit
अगर युवराज का ब्याह हो चुका होता, तो अमेठी में प्रत्याशी का
अगर युवराज का ब्याह हो चुका होता, तो अमेठी में प्रत्याशी का
*प्रणय प्रभात*
वैज्ञानिक युग और धर्म का बोलबाला/ आनंद प्रवीण
वैज्ञानिक युग और धर्म का बोलबाला/ आनंद प्रवीण
आनंद प्रवीण
तू अपने आप पे इतना गुरूर मत कर,
तू अपने आप पे इतना गुरूर मत कर,
Dr. Man Mohan Krishna
यह   जीवन   तो   शून्य  का,
यह जीवन तो शून्य का,
sushil sarna
स्वयं के लिए
स्वयं के लिए
Dr fauzia Naseem shad
नानखटाई( बाल कविता )
नानखटाई( बाल कविता )
Ravi Prakash
जीवन सरल नही
जीवन सरल नही
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
आँखों से गिराकर नहीं आँसू तुम
आँखों से गिराकर नहीं आँसू तुम
gurudeenverma198
"काम करने का इरादा नेक हो तो भाषा शैली भले ही आकर्षक न हो को
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
अनंत नभ के नीचे,
अनंत नभ के नीचे,
Bindesh kumar jha
काल्पनिक अभिलाषाओं में, समय व्यर्थ में चला गया
काल्पनिक अभिलाषाओं में, समय व्यर्थ में चला गया
Er.Navaneet R Shandily
👩‍🌾कृषि दिवस👨‍🌾
👩‍🌾कृषि दिवस👨‍🌾
Dr. Vaishali Verma
नसीब की चारदीवारी में कैद,
नसीब की चारदीवारी में कैद,
हिमांशु Kulshrestha
पितर पाख
पितर पाख
Mukesh Kumar Sonkar
Loading...