राधिके आ न सकूँ मिलने
गुरू जी कहिन
रसखान की झलक
अनुप्रास अलंकार
किरीट सवैया
राधिके आ न सकूँ मिलने,
मन में अब कीजिये धीरज धारन।
आवत जावत में प्रतिबंध,
सो बंद लगो सब देश मँझारन ।
कोई उपाय चले न चलाय न
संकट काहू सों होय निवारन ।
कान्हा तुम्हारो फस्यो मजबूरी में
कालंदी कूल कोरोना के कारन।
गुरू सक्सेना
नरसिंहपुर मध्यप्रदेश